Deva (2025) Full Movie Story in Hindi – Shahid Kapoor की गिरी हुई याद, तबाह सच्चाई

 

Deva (2025) – शाहिद कपूर की एक्शन-थ्रिलर 'Deva' की पूरी कहानी हिंदी में



Deva एक हाई-ऑक्टेन एक्शन थ्रिलर है जिसमें शाहिद कपूर ने एक ऐसे पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया है, जिसकी जिंदगी एक हादसे के बाद पूरी तरह बदल जाती है। यह फिल्म सिर्फ बंदूकों और स्टाइल की कहानी नहीं है, बल्कि यह आत्मग्लानि, न्याय और स्मृति-विस्मृति के मनोवैज्ञानिक संघर्ष की गहराई से जुड़ी कहानी है। फिल्म को रोशन एंड्रयूज ने डायरेक्ट किया है और इसमें पूजा हेगड़े, पवैल गुलाटी, और सौरभ घोष जैसे कलाकार भी शामिल हैं।


🎬 कहानी की शुरुआत – Mumbai Crime Branch का शेर

कहानी शुरू होती है Dev Pratap Singh (शाहिद कपूर) से, जो एक बेहद तेज-तर्रार और बेखौफ पुलिस अधिकारी है। Dev, Mumbai Crime Branch का हिस्सा है और उसकी पहचान उसके तीखे दिमाग, बुलेट की रफ्तार जैसी चाल और क्रिमिनलों से न डरने वाले रवैये से होती है। वह एक सख्त लेकिन न्यायप्रिय अफसर है। Dev का सबसे अच्छा दोस्त है ACP Rohan D’Silva (पवैल गुलाटी) और उसका साला Farhan (प्रवेश राणा), जो खुद भी DCP है। Dev की ज़िंदगी में पत्रकार Diya (पूजा हेगड़े) भी है, जो उसकी प्रेमिका है।

एक बड़े राजनीतिक गैंगस्टर Prabhat Jadhav के खिलाफ Dev और Rohan एक मिशन पर काम कर रहे हैं। Prabhat एक भ्रष्ट नेता है जिसका अंडरवर्ल्ड से सीधा कनेक्शन है। Dev के पास इस गैंग के खिलाफ कई अहम सबूत हैं, लेकिन अचानक एक ऑपरेशन के दौरान Rohan की मौत हो जाती है।


🧠 हादसा और स्मृति की उलझन

Rohan की मौत Dev को हिला देती है। उसी मिशन में Dev की गाड़ी का एक्सीडेंट होता है, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो जाता है। जब Dev होश में आता है, उसे अपने हालात और मिशन की याद नहीं रहती। उसे आंशिक रूप से भूलने की बीमारी (partial amnesia) हो गई है। अब उसके पास कुछ अधूरी यादें हैं – जैसे कि Rohan की चीख, कुछ गोलियों की आवाज, और एक गाड़ी का नंबर। लेकिन वह यह नहीं समझ पा रहा कि वह खुद कौन है और उसके अतीत में क्या हुआ।

Dev अब अपनी ही जिंदगी की तहकीकात में जुट जाता है। वह दोबारा पुलिस में शामिल होता है और खुद ही अपनी जांच शुरू करता है – Rohan की मौत के पीछे की सच्चाई जानने के लिए। धीरे-धीरे उसे याद आने लगता है कि वह Prabhat Jadhav के सिंडिकेट के पीछे था, और शायद उसी मिशन में कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से Rohan की जान गई।


🔍 सच्चाई की परतें – खुद पर शक

जैसे-जैसे Dev जांच करता है, उसे कई चौंकाने वाले तथ्य पता चलते हैं। उसे लगता है कि हो सकता है Rohan की मौत में उसका खुद का हाथ हो। उसे पुराने केस फाइल्स, CCTV फुटेज और गवाहों से पता चलता है कि उस रात वह Rohan के काफी करीब था और एक गोली उसके ही पिस्टल से चली थी।

Dev अंदर से टूटने लगता है। उसे यकीन नहीं होता कि क्या वह ही अपने सबसे अच्छे दोस्त का कातिल है? उसके भीतर गिल्ट और सच्चाई जानने की तड़प बढ़ती जाती है। Diya, जो पत्रकार है, वह Dev की मदद करती है। वह Dev को एक पुराना वीडियो दिखाती है जिसमें Rohan और Dev के बीच आखिरी बहस रिकॉर्ड हुई थी। इस वीडियो में Dev गुस्से में दिख रहा है क्योंकि Rohan ने उससे कुछ सबूत छुपाए थे।


💥 टकराव – पॉलिटिक्स, पावर और प्रायश्चित

Dev को अब समझ आता है कि Rohan एक बड़ा खुलासा करने वाला था – Prabhat Jadhav और पुलिस विभाग के कुछ सीनियर अफसरों की मिलीभगत का। उसी रात, Dev और Rohan के बीच झगड़ा हुआ था और उसी दौरान गोलियां चली थीं। अब सवाल ये है – क्या Dev ने जानबूझकर Rohan को मारा या वो हादसा था?

Prabhat अब फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। Dev उसे रोकना चाहता है लेकिन उसका दिमाग और दिल दोनों लड़ रहे हैं – एक ओर वह खुद को दोषी मानता है, दूसरी ओर वह जानता है कि Prabhat की सत्ता कायम रही तो और कई Rohan मारे जाएंगे। Dev अब दोहरा मिशन शुरू करता है – Prabhat को एक्सपोज़ करना और खुद को माफ करना।


🎯 क्लाइमैक्स – आत्मग्लानि की जीत या सच्चाई का उजाला?

Dev Prabhat के खिलाफ सारे सबूत इकट्ठे करता है और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए देश के सामने लाता है कि कैसे एक राजनीतिक नेता ने पुलिस के एक ईमानदार अफसर को मरवाया और पुलिस विभाग के कुछ लोगों की मदद से सबूत भी मिटा दिए। उसी कॉन्फ्रेंस में वह खुलासा करता है कि वह खुद ही Rohan की मौत का जिम्मेदार है – शायद जानबूझकर नहीं, लेकिन ग़लती उसी से हुई थी।

Dev खुद को गिरफ्तार करवाता है – यह कहकर कि कानून सबके लिए बराबर है, चाहे वो पुलिस वाला ही क्यों न हो। यह सीन फिल्म का सबसे इमोशनल और क्लाइमेक्टिक मोमेंट होता है।


🧠 अंतिम दृश्य – पुनर्जन्म नहीं, बल्कि पुनर्मूल्यांकन

फिल्म के आखिरी दृश्य में Dev जेल में बैठा है, और दीवार पर Rohan की एक तस्वीर टंगी है। Dev की आँखों में अब गुस्सा नहीं, बल्कि सच्चाई और स्वीकारोक्ति की शांति है। Diya उसे देखती है और मुस्कुराती है – क्योंकि उसने एक सच्चा हीरो देखा है, जो अपनी ग़लती मानने से नहीं डरा।


🎬 निष्कर्ष:

Deva (2025) एक थ्रिलर है लेकिन इसका दिल गहराई से भावनात्मक है। शाहिद कपूर ने Dev के किरदार में वो परिपक्वता और तीव्रता दिखाई है जो कम ही अभिनेताओं में देखने को मिलती है। यह फिल्म यह सवाल उठाती है कि जब सिस्टम ग़लत हो और हम खुद उसमें एक हिस्सा बन जाएं, तो क्या हम फिर से सही राह चुन सकते हैं?

फिल्म आत्मग्लानि, अपराध, प्रेम और न्याय की एक जबरदस्त कहानी है – जो दर्शक को सोचने पर मजबूर करती है। Deva सिर्फ एक पुलिस ऑफिसर की कहानी नहीं, एक इंसान के आत्मबोध की यात्रा है।

पढ़ते रहिए — www.storyfotx.site पर और भी रोमांचक फिल्म स्टोरीज़!

Post a Comment

Previous Post Next Post