Sikandar (2025) फिल्म की पूरी कहानी – सलमान खान की सामाजिक और एक्शन से भरी वापसी

 

🎬 Sikandar (2025) Movie Full Story in Hindi – सलमान खान की भावनात्मक और एक्शन से भरपूर वापसी




2025 की सबसे चर्चित और बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक रही Sikandar, जिसमें सलमान खान एक बार फिर से अपने मसाला-एक्शन अवतार में नज़र आए। लेकिन इस बार कहानी सिर्फ एक्शन या डायलॉगबाज़ी तक सीमित नहीं है — इसमें दर्द, बदला, राजनीति, और समाजिक बदलाव की एक गहरी लहर छुपी है।

कहानी की शुरुआत होती है Sanjay Rajkot उर्फ “Sikandar” से, जो एक इमानदार, ज़मीन से जुड़ा हुआ नेता है। लोगों के दिलों में बसने वाला यह इंसान सिर्फ वोट के लिए राजनीति नहीं करता, बल्कि जनता के बीच रहकर उनके दुःख-सुख में भागीदार बनता है। उसकी ज़िंदगी में एक बड़ी ताक़त है — उसकी पत्नी Saisri (रश्मिका मंदाना), जो एक समाजसेविका है और अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करती है। एक दिन, एक पब्लिक अभियान के दौरान, जब वह भ्रष्ट मंत्री Rakesh Pradhan के खिलाफ भ्रष्टाचार उजागर करने वाली होती है, तब एक सुनियोजित एक्सिडेंट में उसकी मौत हो जाती है।

यहीं से Sanjay का जीवन बदल जाता है। अब वह केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक टूटा हुआ पति होता है — और उसका मक़सद अब सिर्फ समाज सेवा नहीं बल्कि अपनी पत्नी की मौत का बदला लेना भी बन जाता है। लेकिन बदले का तरीका वही पुराना सलमान खान स्टाइल नहीं है — यह बदला है सोच से, संवेदनाओं से, और सच्चाई के ज़रिए।

Saisri की मौत के बाद उसका एक अंतिम कार्य सामने आता है — उसने मरने से पहले अपने तीन अंग दान किए थे: दिल, फेफड़े और आंखें। ये तीन अंग पहुँचते हैं — एक गरीब बच्ची, एक कॉलेज छात्र और एक अनाथ बालक तक। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब भ्रष्ट मंत्री Rakesh Pradhan इन तीनों को निशाना बनाना शुरू करता है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि Saisri की “दान की भावना” समाज में आदर्श बने। वह इन तीनों की ज़िंदगी में ज़हर घोलने के लिए अपने गुंडों को भेजता है।

अब Sikandar सिर्फ अपनी पत्नी के लिए नहीं, बल्कि उन तीन मासूमों के लिए भी लड़ता है जिनके शरीर में Saisri की जिंदगी का अंश धड़क रहा है। वह एक संरक्षक बन जाता है — कभी पिता, कभी भाई, और कभी फरिश्ता। फिल्म धीरे-धीरे सामाजिक मुद्दों को छूते हुए एक हाई-वोल्टेज थ्रिलर में बदल जाती है।

क्लाइमैक्स में, जब अदालत, पुलिस और राजनीतिक व्यवस्था सब मिलकर सच्चाई को दबाने लगते हैं, तब Sikandar अकेले एक मिशन पर निकलता है। वो एक-एक कर सबूत, गवाह और पब्लिक सपोर्ट इकट्ठा करता है और भ्रष्ट मंत्री को बेनकाब करता है। अदालत में एक ज़बरदस्त मोनोलॉग में वो कहता है —
"मेरी बीवी मर चुकी है, पर उसका दिल आज भी धड़क रहा है... और जिस दिन ये धड़कन बंद होगी, उस दिन इंसानियत भी मर जाएगी!"

अंततः मंत्री गिरफ़्तार होता है, और तीनों बच्चों की ज़िंदगी फिर से संवरती है। आखिरी सीन में Sikandar सड़क पर आम आदमी की तरह चलते हुए दिखता है — क्योंकि उसके लिए असली हीरो वो नहीं जो कैमरे के सामने होता है, बल्कि वो जो बिना बोले दूसरों की ज़िंदगी बचा जाता है।


🎯 फिल्म का सार:

Sikandar केवल बदले की कहानी नहीं है — यह एक संवेदनशील सामाजिक संदेश है जो अंगदान, सत्ता के दुरुपयोग और आम आदमी की ताक़त को उजागर करता है। सलमान खान का किरदार एक परिपक्वता के साथ गढ़ा गया है जिसमें एक्शन भी है, भावना भी, और समाज के लिए एक सशक्त आवाज़ भी। फिल्म में रश्मिका मंदाना भले ही कम समय के लिए दिखाई देती हैं, लेकिन उनका किरदार पूरी कहानी की आत्मा है।

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